इक लफ्ज़ तुम चुनो...
इक लफ्ज़ हम चुने....
मिल जाये दोनों तो इक शब्द बनेगा...
यूँ ही इक-इक शब्द से , कुछ नया कुछ अनोखा...
कुछ तेरा कुछ मेरा रिश्तों का इक नया नया रंग मिलेगा॥
इक कदम तुम चलो...
इक कदम हम चले...
यूँ साथ चलोगे तो सफ़र , सफर न रहेगा ...
आसन हो जाएँगी मंजिले, जब हमसफ़र हमदम तुम सा रहेगा॥
इक हाथ तुम बढाओ...
इक हाथ हम बढ़ाएं...
मिल जाएँ दोनों हाथ तो,
जीवन तनहा नहीं खुशहाल बनेगा॥
कुछ रंग तुम भरो...
कुछ रंग हम भरें...
मिल जाये जब सब रंग, तो इक नया इन्द्रधनुष सजेगा....
इक नया आकाश मिलेगा॥
इक मुस्कान तुम्हारी...
इक मुस्कान हमारी ...
हो मेहरबान खुदा तो ये महफ़िल मैं खुशनुमा माहोल बनेगा ...
दुनिया को इक नया पैगाम मिलेगा॥
1 comment:
कुछ रंग हम भरें...
most Beautiful Poem......
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