Sunday, November 7, 2010

ये चंद पंक्तियाँ में आज अपनी माँ को समर्पित करता हूँ
और उनके जन्मदिन पर शत -शत प्रणाम करता हूँ...

ए माँ तुझे मेरा शत-शत प्रणाम...
तू ही मेरी आस्था , तू ही मेरा प्राण
तेरे चरणों में सब कुछ कुर्बान...
धन दौलत, यश और आराम...!!!
तेरी छाया में मैंने पाया, नवजीवन का वरदान...
माँ तू शीतल जल कि धारा...
माँ तू पवन झकोरा...
कभी कोमल , तो कभी कठोर ए तेरा रूप निराला ..
लाड प्यार से पाला पोसा ..
सहनशीलता, मर्यादा, के गहनों से तूने मुझे सजाया...
दिया बल, बुद्धि , हौंसला मुझे ..इस दुनिया में मुझे चलना सिखाया...
झूट और सच के अंतर को तूने मेरे मन में बिठलाया...
दिया ज्ञान पाप पुण्य का , मुझको अपना धरम सिखलाया...
सब धर्मों में ऊचा धर्म ...इंसानियत का ..ए पाठ मुझए पढाया...
मेरी दुनिया में पहचान में तूने अपना हाथ दिखाया...
माँ तू मेरे दिल कि धड़कन. माँ तू मेरी मीठी मुस्कान...
आज जहाँ -जहाँ भी जाऊं , धन दौलत और यश से पहले
सबसे पहले माँ तुझे सलाम...
माँ तुझे सलाम...!!!!

2 comments:

कमलेश खान सिंह डिसूजा said...

मानी जी ,
माँ की ममता को शब्दों में उकेरने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं !!
ए माँ तुझे मेरा शत-शत प्रणाम......एक बहुत ही सुन्दर प्रयास है आपका !!

माँ ,
एक शब्द ,
आँचल में जिसकी ,
सुकून है सारे जहाँ का !!

Mani Singh said...

bohat bohat sukhriya meri is choti si kosish ko saraahne ke liye..!!!